आत्म-अनुशासन की आदत डाली जा सकती है। सही समय पर जरूरी काम करने के लिए (चाहे वह काम आपको पसंद हो या न हो) स्वयं को अनुशासित करने का नियमित अभ्यास धीरे-धीरे शक्तिशाली होता जाता है। आप बहाने बनाना छोड़ देते हैं। बुरी आदतें डालना आसान होता है, लेकिन उनके साथ जीना मुश्किल होता है। अच्छी आदतें डालना मुश्किल होती हैं, लेकिन उनके साथ जीना आसान होता है। हर चीज़ आसान होने से पहले मुश्किल होती है। आत्म-अनुशासन, आत्म-विजय और आत्म-नियंत्रण की आदतें डालना मुश्किल होता है, लेकिन इनकी आदत पड़ने के बाद वे स्वचालित हो जाती हैं और उनका अभ्यास सरल हो जाता है।
आत्मसात होने के बाद आत्म-अनुशासन की आदत आपके स्वभाव का अंग बन जाती है। फिर अनुशासित व्यवहार न करने पर आप असहज महसूस करने लगते हैं। आत्म-अनुशासन का हर अभ्यास बाकी क्षेत्रों में भी हमें मजबूत बनाता है। आत्म-अनुशासन की आदत डालने के लिए सबसे पहले यह पक्का निर्णय करें कि आप किसी विशेष क्षेत्र में कैसा व्यवहार या कार्य करेंगे। जब तक उस क्षेत्र में आत्म-अनुशासन की आदत न पड़ जाए, तब तक बिल्कुल भी ढील न दें। जब भी आपसे चूक हो, तो आत्म-अनुशासन के अभ्यास का पुनः संकल्प करें। एक ऐसा समय आएगा, जब अनुशासनहीनता के बजाय अनुशासित व्यवहार करना आपके लिए ज्यादा आसान हो जाएगा। अनुशासन की आदत डालना और उसे बनाए रखना जीवन भर चलता है। न्यूनतम प्रतिरोध और तत्काल लाभ का प्रलोभन मन में हमेशा मौजूद रहता है। ये दोनों हमेशा आप पर आक्रमण करने की ताक में रहते हैं। वे आपको मुश्किल, आवश्यक और जीवन को समृद्ध बनाने वाले कामों के बजाय मज़ेदार, आसान और महत्वहीन कामों में उलझाने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
नेपोलियन हिल ने अपनी बेस्टसेलिंग पुस्तक 'द मास्टर की टू रिचेस' के अंत में कहा था – "आत्म-अनुशासन ही अमीरी की अचूक कुंजी है।" आत्म-अनुशासन, आत्म-सम्मान, स्वाभिमान और आत्म-गौरव की भी कुंजी है। हम आत्म-अनुशासन के कारण सफल और खुशहाल होते हैं। आप भले ही किसी बड़ी कंपनी के मालिक हों, पर लोगों से हमेशा शालीनता से पेश आएं। आप विनम्र रहेंगे तो लोग आपके पास लौटकर आएंगे। लोगों की बात ध्यान से सुनें, और उन्हें अपनी बात कहने का मौका दें। एक लीडर के यही गुण होते हैं। जीवन के हर पहलू में शिकायत न करें। जिंदगी के प्रति परमात्मा का आभार व्यक्त करें। लोगों के प्रति अपनी भावना बदलें। नुकसान पहुँचाने वाले व्यक्तियों पर ध्यान न दें। यही जीवन का सार है।"