हम कई बार ऐसे लोगों के बीच आ जाते हैं जहाँ हम अच्छे और बुरे लोगों में फ़र्क नहीं समझ पाते हैं। यह जीवन की सबसे बड़ी विडम्बना है। ऐसे में कुछ बुरे लोग हमें भी अपने जैसा बनाने की कोशिश में रहते हैं और ऐसा करके उन्हें आनंद भी मिलता है। ऐसा नहीं है कि ये लोग जन्म से ही बुरे होते हैं। कई बार व्यक्ति परिस्थियों के वशीभूत होकर बुराई का रास्ता अपना लेता है। ऐसे लोग न तो ख़ुद आगे बढ़ते हैं और न ही किसी को आगे बढ़ने देते हैं। अच्छे लोग आपकोे आगे बढ़ने की सलाह देने के साथ–साथ आपकी प्रेरणा का स्त्रोत भी बनते हैं। कई लोग अपने जीवन स्तर में काफ़ी सुधार कर चुके होते हैं क्योंकि उनके साथ कुछ गतिविधियाँ थीं जो उन्हें अच्छे लोगों से सीखने को मिलीं। कई लोग ऐसे होते हैं जो उन लोगों के बीच बैठना पसंद करते हैं जो सिर्फ उनकी झूठी प्रशंसा करते हैं।लेकिन आप बस एक बार उनसे अपने लिए मदद की उम्मीद करके देखिएगा आप खुद समझ जाएँगे कि वो हमारे हितैषी हैं या नहीं। नीम कड़वा जरूर होता है पर ज़्यादातर बिमारियों में नीम हकीम है। कुछ लोग नीम की तरह होते हैं लेकिन वो ही आपके सच्चे हितैषी होते हैं। ऐसे लोगों से आपको हमेशा फ़ायदा ही मिलता है। क्योंकि उनको जब आपकी बुराई करनी होगी तो वो आपकी पीठ पीछे नहीं बोलेंगे। बल्कि वे आपके सामने ही आपकी बुराई कर देंगे। उनकी बातें बिलकुल खरी होती हैं। अब मैं बुरे लोगों की बात करूँ तो वे नकारात्मक पहलुओं को तुरंत पकड़ लेते हैं और जब हम उनके साथ रहना शुरू करते हैं तो हमारे अंदर भी नकारात्मकता का भाव पनपने लगता है। हमारी सोच भी उन्हीं के जैसे होने लगती है।ये मानव की प्रकृति है कि वो नकारात्मकता की ओर जल्दी आर्किषत हो जाता है। जिनका प्रभाव इन्हें तब दिखाई देता है जब कोई उनकी आशाओं को रोंदकर उनसे आगे निकल जाता है। कई बार तो इतनी देर हो चुकी होती है कि मुकाम हाथ से पूरी तरह निकल जाता है। जो लोग मीठा बोलते हैं आपको उनसे सतर्क रहने की ज़रूरत है।हो सकता है कि वे आपके हितैषी न हो। मैं यह नहीं कहती कि सब लोग एक जैसे होते हैं। कुछ लोग आपकी परवाह करने वाले भी होते हैं।इसलिए आपको अच्छे और बुरे व्यक्ति की पहचान करनी आनी चाहिए।बल्कि मैं तो यह कहूँगी आप अपने अंदर इतनी ऊर्जा भर लें कि आपके अंदर किसी भी नकारात्मक ऊर्जा के लिए कोई स्थान न हो तथा आप दूसरों की नकारात्मक ऊर्जा को भी सकारात्मक ऊर्जा में बदल सकें।